मौजूदा समय काशी में मंडल का कमंडल हावी होता दिखाई दे रहा है...
जिस प्रकार बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी ने वाराणसी से चुनाव मैदान में न उतरने का फैसला किया है
ये दर्शाता है कि कैसे पूर्वांचल में मोदी की लहर है अपने चरम सीमा पर है...
इसे केजरीवाल का हट कहें या पागलपन जो इस पावन नगरी से चुनाव मैदान में उतर रहे है...
वैसे मोदी को हराया नहीं जा सकता ये सभी राजनीतिक दल भली भांति जानते है
बस कोशिश है वोट मार्जिन कम करने की
रणनीति बननी शुरु हो चुकीं है...
इसी के तहत मुख्तार ने अपना नाम पिछा लिया है
अटकलें लगाई जा रही है कि मुख्तार केजरीवाल को सर्मथन दें सकते है..
काशी हिंदू शहर के रुप में जाना चाहता है..
और जब मोदी पर स्वंय महादेव का आर्शिवाद है
तो डर कैसा है....
जिस प्रकार बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी ने वाराणसी से चुनाव मैदान में न उतरने का फैसला किया है
ये दर्शाता है कि कैसे पूर्वांचल में मोदी की लहर है अपने चरम सीमा पर है...
इसे केजरीवाल का हट कहें या पागलपन जो इस पावन नगरी से चुनाव मैदान में उतर रहे है...
वैसे मोदी को हराया नहीं जा सकता ये सभी राजनीतिक दल भली भांति जानते है
बस कोशिश है वोट मार्जिन कम करने की
रणनीति बननी शुरु हो चुकीं है...
इसी के तहत मुख्तार ने अपना नाम पिछा लिया है
अटकलें लगाई जा रही है कि मुख्तार केजरीवाल को सर्मथन दें सकते है..
काशी हिंदू शहर के रुप में जाना चाहता है..
और जब मोदी पर स्वंय महादेव का आर्शिवाद है
तो डर कैसा है....